कुछ और कांग्रेसियों को निपटाने की रणनीति?

#5 साल सत्‍ता में रहने के बाद बिना संसाधन के चुनाव  लड रही कांग्रेस #रणनीति तो नही – इस युद्व में बाकी कांग्रेसियों को निपटाना चाहते है- हरीश रावत # यह सवाल पूछा गया कि आपने यह भी सोचा कि युद्ध में हैं तो अपनों को ही निबटा दें. आपने अपने कई लोग ऐसी जगहों से लड़ा दिये जहां से वह चुनाव जीत ही नहीं सकते? भाजपा का तो हौव्वा है, दरअसल हरीश रावत की यह बडी दूरगामी नीति मानी जा रही है- 

बिना संसाधनों वाली कांग्रेस बड़े पैसे और सत्ता की ताकत से लड़ रही है- 5 साल सत्ता में रही कांग्रेस के मुखिया का यह डायलॉग हजम होने लायक नही है- इसके पीछे हरीश रावत की विशेष रणनीति मानी जा रही है-  2017 के विधान सभा चुनाव को हार कर 2019 में लोकसभा की तैयारी तथा कांग्रेस के कुछ नेताओं को निपटाने की रणनीति तो नही – सहसपुर से प्रदेश अध्‍यक्ष को इस मामले में गिना जा सकता है वो चुनाव हारे या जीते पीसीसी चीफ से उनकी विदाई हरीश रावत का पहला लक्ष्‍य होगा   

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रुद्रपुर में सीधे-सीधे सीएम हरीश रावत पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि देवभूमि में खुद को बाहुबली कहलाने पर भी इन्हें शर्म नहीं आती. गौरतलब है कि पिछले दिनों सीएम हरीश रावत का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें बाहुबली के रूप में दिखाया गया था. साथ ही पीएम ने कहा कि उत्तराखंड को हरदा टैक्स से मुक्त कराना है.
उत्तराखंड के रुद्रपुर में एक रैली के दौरान पीएम मोदी ने हरीश रावत का नाम लिए बिना उनपर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि राजनीति में बाहुबली शब्द स्वीकार्य नहीं माना जाता. लेकिन देवभूमि में इन्हें खुद को बाहुबली कहलाने पर शर्म भी नहीं आती.

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आरोप लगाया है कि बीजेपी, राज्य के चुनाव में 1000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है और ये पैसा मंत्रियों के हेलीकॉप्टरों में लाया जा रहा है. रावत ने यह भी आरोप लगाया है कि चुनाव के दौरान कांग्रेस के साथ भेदभाव किया जा रहा है. अधिकारी उनके वाहनों की तलाशी ले रहे हैं कि लेकिन प्रधानमंत्री और दूसरे मंत्रियों की नहीं. चुनाव प्रचार आखिरी दौर में है और शुक्रवार को हरिद्वार में अपनी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सत्ता में आने पर वह कांग्रेस के घोटालों की जांच करायेंगे. हरीश रावत ने कहा कि नरेंद्र मोदी चुनावी जुमलों में माहिर हैं और कांग्रेसी नेताओं की जन्मकुंडली की बात करना भी एक चुनावी जुमला ही है.

हरीश रावत ने कहा मोदी जी हिम्मत करें देर क्यों कर रहे हैं. यदि कोई जन्म कुंडलियां हैं तो वह सामने रखें. वो तो काले धन वालों की जन्म कुंडलियां संसद में नहीं रख पा रहे हैं. स्विस बैंक अकाउंट वालों का जो ब्लैक मनी है उसका ब्यौरा संसद में नहीं दे पा रहे हैं और इस नोटबंदी के दौरान कितना काला धन पकड़ा गया और किन किन बड़े बड़े लोगों के यहां छापा पड़ा या वो पकड़े गये उसके बारे में कुछ नहीं बता पा रहे हैं. मोदी जी जुमलेबाज हैं जैसे उन्होंने 15 लाख रुपये देने का जुमला दिया था, दो करोड़ नौकरियों का जुमला था या अच्छे दिनों का जुमला था उसी तरह से ये कुंडली भी उनका चुनावी जुमला था और अगर हिम्मत है मोदी में तो इससे अच्छा मौका क्या हो सकता है उत्तराखंड, यूपी और पंजाब में चुनाव हो रहा है वह बतायें.. कुंडली निकालें.

एक चैनल द्वारा यह पूछे जाने पर कि भ्रष्टाचार के कई चेहरे होते हैं…जो आप इतने दिन से ये इम्प्लायमेंट कार्ड बांट रहे हैं…क्या ये भ्रष्टाचार नहीं है? क्या चुनाव आयोग की गाइड लाइन के बावजूद आप ऐसा कर सकते हैं?

हरीश रावत ने कहा – ये भ्रष्टाचार नहीं है ये हमारे घोषणा पत्र का हिस्सा है. क्या मुझे अपने घोषणापत्र बनाने का हक है, संकल्प पत्र जारी करने का हक है? भाजपा कुछ करे जैसे उन्होंने विज़न डॉक्यूमेंट बनाये और उन्हें बांटे तो वह भ्रष्टाचार नहीं है और हम अपना संकल्प पत्र बना कर बांटते हैं तो वह भ्रष्टाचार है. और जब चुनाव आयोग ने कहा तो हमने उनकी बात मान ली और संशोधित फॉर्म में जारी किया लेकिन लेवल प्लेयिंग फील्ड नहीं दिखाई दे रहा है. मैं सीएम हूं, संवैधानिक प्रमुख हूं, मेरी दिन में चार बार चैकिंग हो रही है, प्रधानमंत्री की क्यों नहीं हो रही है.

हरीश रावत ने एक सवाल के जवाब में कहा- हम तो बीजेपी की तरह आचरण नहीं कर सकते, जिस दिन ऐसा करेंगे हम समाप्त हो जायेंगे. वह साम्प्रदायिक पार्टी है – वह फ्रेंचाइजी बेस पार्टी है आरएसएस की और हम जनता बेस पार्टी है. हम उनकी तरह नहीं हो सकते और आपको ये शंका नहीं करनी चाहिये कि हम बीजेपी की तरह हैं.

एक प्रमुख चैनल के प्रतिनिधि द्वारा हरीश रावत से पूछा गया कि आप तमाम नेताओं को अपनी पार्टी से बाहर कर नेता ज़रूर बन गये लेकिन आज हाल यह है कि आप रात को चार बजे प्रचार कर वापस आते हैं और फिर सुबह आपको जाना पड़ता है…. आप चुनाव प्रचार में अकेले हैं और बीजेपी के पास पीएम मोदी हैं कई चेहरे हैं. उनके प्रचार के विज्ञापन देखिये… आप अकेले हैं…

हरीश रावत ने कहा- – तो आप यह कह रहे हैं कि हरीश रावत इतना शक्तिशाली हैं कि जो लोग मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे और मुख्यमंत्री के बेटे हैं उनको भी मेरी वजह से पार्टी छोड़नी पड़ी….? हर महाभारत में लड़ने वाले असली लोग अकेले ही होते हैं. महाभारत हुआ था कौरवों के साथ कई महारथी थे, दूसरी ओर एक अर्जुन था और सारथी के रूप में कृष्ण थे. आज इस लड़ाई में कौरवों के सामने हरीश रावत है और सारथी के रूप में जनता है और सहयोगी के रूप में कांग्रेसजन हैं.

चैनल के प्रतिनिधि द्वारा सवाल पूछा गया आपने इस लड़ाई में कृष्ण की तरह कई सारी चालें चलते हुये कई बागी खड़े करवा दिये हैं?

हरीश रावत ने कहा- – ये बिल्कुल गलत आरोप हैं. मैं पूरी तरह से इन्कार करता हूं. मेरे पास तो साधन ही नहीं है. मैं कहां से बागी खड़े करूंगा. सारे वोट काटने वाले तो भाजपा खड़े कर रही है. भाजपा इन चुनावों में 1000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है. अगर मीडिया ठीक तरह से सवाल करे तो पता करना चाहिये कि एक छोटे से राज्य को जीतने के लिये बीजेपी को ये 1000 करोड़ रूपये कौन दे रहा है. यह सारा पैसा उद्योगपतियों से आ रहा है और केंद्रीय मंत्रियों के हेलीकॉप्टर में आ रहा है. सीआईएसएफ की गाड़ियां ये पैसा ढोने का काम कर रही हैं.

अगर चैकिंग हो रही है तो मुख्यमंत्री की हो रही है. चार चार बार चैकिंग हो रही है. मैं तो कहता हूं कि मेरी तलाशी भी लो लेकिन अगर एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति के साथ यह कर रहे हो तो दूसरे संवैधानिक अथॉरिटी की भी चैकिंग तो करो.

चैनल के प्रतिनिधि द्वारा सवाल पूछा गया – कहा जा रहा है कि बीजेपी ने आपको अपनी ही सीटों पर फंसा लिया है. आप जिन दो सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं उन्हीं में उलझ कर रह गये हैं?

इस पर हरीश रावत का जवाब था – देखिये पांडव पक्ष जीतना चाहिये उसके लिये हरीश कुछ भी कुर्बानी दे सकता है और इसलिये मैंने जानबूझ कर एक सीट तो ऐसी है कि जिसमें इतिहास में कांग्रेस कभी नहीं जीती इसलिये मैंने उन सीटों को लिया है क्योंकि उधम सिंह नगर और हरिद्वार की 20 सीटों में हमारे पास केवल 2 सीटें हैं और बहुमत लाने के लिये इन सीटों पर जीत हासिल करना है क्योंकि मैं मानता हूं कि अगर युद्ध में हो तो फिर सामने वाले दल के सेनापति को सामने से ललकारो और मुझे खुशी है कि बीजेपी के सेनापति ने हमारी ललकार को स्वीकार किया और अमित शाह हरिद्वार हमें हराने के लिये अपील करने पहुंचे.

चैनल का तीखा सवाल था – आपने यह भी सोचा कि युद्ध में हैं तो अपनों को ही निबटा दें. आपने अपने कई लोग ऐसी जगहों से लड़ा दिये जहां से वह चुनाव जीत ही नहीं सकते?

हरीश रावत का जवाब था – ऐसा नहीं है, इस समय कांग्रेस बिना साधनों के लड़ रही है. रथी रावण विरथी रघुवीरा…बिना संसाधनों वाली कांग्रेस बड़े पैसे और सत्ता की ताकत से लड़ रही है. लोग सीधा सवाल कर रहे हैं कि मान लिया तुम महाबली हो लेकिन तब कहां थे जब हम पर घाव लगे थे, जब आपदा आयी थी.

मैं तो तब आया था और मैंने घाव भरने का काम किया था. पुनर्निर्माण का काम किया और अर्थव्यवस्था को मज़बूत किया और आज उत्तराखंड उन 6 राज्यों में है जो सबसे तेज़ी से तरक्की कर रहे हैं. यहां बिजनेस करने के मामले में यह राज्य सबसे फ्रेंडली है. आज यहां प्रति व्यक्ति आय बहुत तेज़ी से बढ़ रही है. मैं ढाई साल में जो कर सकता था किया लेकिन लोग कह रहे हैं कि मोदी जी आप ढाई साल से पीएम थे यहां 5 हज़ार लोग मरे एक बार सहानुभूति तो जता देते.

हिमालयायूके न्‍यूज पोर्टल के लिए चन्‍द्रशेखर जोशी

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