दिसम्बर के अंत में आचार संहिता ;इंदिरा हृदयेश

indiraTOP NEWS UTTRAKHAND 

वित्तमंत्री इंदिरा हृदयेश ने कहा कि कोई भी पीडीएफ के बारे में गलत बयानबाजी न करे. उन्होंने कहा कि पीडीएफ से जुड़े सभी मुद्दे सुलझा लिए जाएंगे.
भाजपा की पर्दाफाश रैली के जवाब में मंगलवार को कांग्रेस की ‘भाजपा जवाब दो, मोदी हिसाब दो’ रैली हल्द्वानी में आयोजन होगी. रैली में वित्त मंत्री इंदिरा हृदयेश सहित पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय सहित जिला कांग्रेस कमेटी के तमाम पदाधिकारी शिरकत करेंगे. वित्त मंत्री ने आज हल्द्वानी में मीडिया से रूबरू होते हुए कहा है कि कांग्रेस इस रैली के माध्यम से पीएम मोदी से अच्छे दिन आने का समय, काले धन के आने का समय और मंहगाई सहित प्रत्येक खाते में पन्द्रह लाख रुपये आने के वायदे के बारे में पूछ रही है.
वहीं कांग्रेस संगठन और पीडीएफ के बीच चल रहे मनमुटाव पर टिप्पणी करते हुए वित्त मंत्री इंदिरा हदयेश ने कहा कि सरकार बनाने के समय हम खुद पीडीएफ के पास गए थे और हमने उन्हें अपनी मर्जी से ही मंत्री बनाया. पीडीएफ के नेताओ ने हर संकट की घडी में हमारा साथ दिया है.
लिहाजा उनके अपमान करने और उनके बारे में गलत बात करना किसी की भी शोभा नहीं देता है. पीडीएफ और नेताओं की स्थिति पर वित्त मंत्री ने कहा है कि समय से पहले कई चीजों को सुलझा लिया जायेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि दिसम्बर के अंत में आचार संहिता लागू हो सकती है और फरवरी के अंतिम सप्ताह में मतदान करवाया जा सकता है.
##########
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई हैं. निर्वाचन आयोग ने चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी है. सबसे पहले एक स्थान पर तीन साल से जमे अधिकारियों के तबादले के निर्देश दिये गये हैं. साथ ही आयोग ने प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव को लेकर पुलिस महकमे के कंधे पर कई जिम्मेदारियां दी गई हैं.
प्रदेश के सभी पोलिंग बूथ के मैप तैयार किये जा रहे हैं, जिसको गूगल के साथ जोड़ा जायेगा. यानी घर बैठकर कोई भी पोलिंग बूथ की जानकारी हासिल कर सकता है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी का कहना है कि अधिकारियों के तबादले के दिशा निर्देश जारी कर दिये गये है. 20 सितम्बर तक प्रशासनिक अधिकारियों के तबादले कर दिये जायेंगे और 30 सितम्बर तक पुलिस अधिकारियों के तबादलें होंगे. एक स्थान पर तीन साल तक तैनात रहने वाले अधिकारियों के तबादले के निर्देश दिये गये हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूडी का कहना है कि हर बुधवार को सीवी करके सभी जिलाधिकारियों से चुनाव की जानकारी जुटाई जा रही है. साथ ही निर्वाचन आयोग के नये नये दिशा निर्देशों से भी अवगत कराया जा रहा है.
##
हरिजद्वार जिले की भगवानपुर विधानसभा सीट की राजनीति में भी ऐसे ही समीकरण बन रहे हैं. कांग्रेस के टिकट के लिए मौजूदा विधायक ममता राकेश प्रबल दावेदार हैं तो उनके देवर सुबोध राकेश भी चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. ऐसे में राकेश परिवार के राजनीतिक विरोधियों की ओर से कांग्रेस हाईकमान से मांग की जा रही है कि देवर-भाभी की लड़ाई में
भगवानपुर सीट से बसपा विधायक और प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे सुरेंद्र राकेश की मौत के बाद उपचुनाव हुआ था. सुरेंद्र राकेश की पत्नी ममता राकेश और देवर सुबोध राकेश ने बसपा छोड़कर कांग्रेस का हाथ थाम लिया था. उपचुनाव में दोनों ही कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे.पहले माना जा रहा था कि सुरेंद्र राकेश के उत्तराधिकारी के तौर पर परिवार सुबोध राकेश को आगे कर सकता है. सुबोध राकेश ने उपचुनाव लड़ने के लिए कमर भी कस ली थी, लेकिन राजनीति के खिलाड़ी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंतिम समय में सुबोध का टिकट काटकर ममता राकेश को पार्टी का सिंबल दे दिया.
तब राकेश परिवार में बगावत जैसे हालात हो गए थे और यहां तक कहा जाने लगा था कि सुबोध राकेश निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं. जैसे-तैसे करके तब सुबोध को मनाया गया था. अब फिर से विधानसभा चुनाव सिर पर है और सुबोध राकेश की महत्वाकांक्षा फिर से हिलोरें मारने लगी हैं. वैसे तो सीटिंग विधायक और पूर्व मंत्री सुरेंद्र राकेश की पत्नी होने के चलते ममता राकेश के लिए टिकट की राह आसान है. लेकिन सुबोध राकेश की दावेदारी उनकी राह में रोड़े जरुर डाल सकती है.
हालांकि कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है, लेकिन दोनों की ओर से चुनाव की तैयारियां चुगली कर रही हैं. भगवानपुर में राकेश परिवार से अलग कांग्रेस का धड़ा इस लड़ाई का लाभ उठाने के समीकरण बैठा रहा है. बताया जा रहा है कि कांग्रेसियों के एक खेमे ने मास्टर सत्यपाल को आगे कर अपनी गोटियां बैठानी शुरु कर दी हैं. मास्टर सत्यपाल दिवंगत मंत्री सुरेंद्र राकेश के रिश्ते में भाई लगते हैं और पुराने कांग्रेसी भी हैं.
मास्टर सत्यपाल को मुख्यमंत्री हरीश रावत का नजदीकी भी माना जाता है. कांग्रेस के अंदर राकेश परिवार का विरोध करने वाले चाहते हैं कि देवर-भाभी दोनों का टिकट काटकर मास्टर सत्यपाल को प्रत्याशी बनाया जाये. अभी चुनाव की घोषणा नहीं हुई है. चुनाव की घोषणा के बाद भगवानपुर में टिकट की जंग तेज होगी. अब यह वक्त ही तय करेगा कि देवर-भाभी में से किसी को टिकट मिलता है या फिर कोई तीसरा बाजी मार ले जाएगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *