केंद्र और सेना को करारा झटका

सुप्रीम कोर्ट ने आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट (AFSPA) को लेकर केंद्र और सेना को करारा झटका दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि जिन क्षेत्रों में अफस्पा लागू है वहां भी सेना या पुलिस ज्यादा हिंसक ताकत का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में अब तक के 1528 फर्जी मुठभेड़ों की जांच करने को भी कहा है.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में एनकाउंटर मामलों की जांच सीबीआई या SIT से कराने की मांग की गई थी. सेना पर 2000 से 2012 के बीच करीब 1528 लोगों का फर्जी एनकाउंटर करने का आरोप है.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस मामले पर केंद्र ने सेना का पक्ष लेते हुए कहा कि ये एनकाउंटर जवाबी कार्रवाई के तौर पर किए गए. केंद्र ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर्स ऐक्ट देश के अशांत क्षेत्रों में सेना को विशेष अधिकार देता है. इसके तहत सेना लोगों को बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकती है. किसी भी जगह छापे मार सकती है. और इस दौरान जवाबी कार्रवाई में हथियारों का इस्तेमाल भी कर सकती है.

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