सुंदकाण्‍ड का अंग्रेजी संस्‍करण प्रकाशित

Sunderkand 0सुंदकाण्‍ड का अंग्रेजी संस्‍करण प्रकाशित #सुंदरकाण्‍ड का अनुवाद पूरा करने में उन्‍हें करीब 10 साल #अमेरिका के टेक्‍सास में रहने वाले 100 वर्षीय रामलिंगम शर्मा ने अनुवादित #हर श्‍लोक को अंग्रेजी में फिर से लिखा # www.himalayauk.org (Leading Digital Newsportal) 

पुणे के राजहंस प्रकाशन ने वाल्‍मीकि रामायण से सुंदकाण्‍ड का अंग्रेजी संस्‍करण प्रकाशित किया है। इस सुंदरकाण्‍ड को अमेरिका के टेक्‍सास में रहने वाले 100 वर्षीय रामलिंगम शर्मा ने अनुवादित किया है। राजहंस प्रकाशत के संपादक डॉ. सदांनद बोरसे, संस्‍कृत विद्वान और प्रोफेसर सुजाता अवाती और हर्षद कारांडिकर ने एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस पर इसकी घोषणा की।

पुणे में रहने वाली अवाती ने ही शर्मा के अनुवाद को प्रूफरीड भी किया है। शर्मा ने यह किताब तब लिखनी शुरू की थी, जब वे 90 साल के थे। सुंदरकाण्‍ड का अनुवाद पूरा करने में उन्‍हें करीब 10 साल लगे। यह किताब 650-650 पन्‍नों के दो संस्‍करणों में है और रिसर्च के लिए उपयोगी साबित होगी। इसके अलावा शैक्षिक संस्‍थाओं, विश्‍वविद्यालयों के संस्‍कृत विभागों के काम भी आएगी। टेक्‍सास के फ्रिस्‍को में रहने वाले शर्मा ने हर श्‍लोक को अंग्रेजी में फिर से लिखा है। लोग आसानी से पढ़ सकें, इसके लिए संस्‍कृत के हर शब्‍द का मतलब भी किताब में दिया गया है। उन्‍होंने अंग्रेजी में यह श्‍लोक का सार समझाने की भी कोशिश की है।
विदेश बसने वाले भारतीय अक्‍सर शिकायत करते हैं कि प्राचीन संस्‍कृत ग्रंथों का अंग्रेजी में अच्‍छा अनुवाद न होने की वजह से वह अपने बच्‍चों को वह पढ़ा नहीं सकते।

शर्मा ने अपने अनुवाद को अंग्रेजी पाठकों को सुंदरकाण्‍ड समझने में मदद की एक कोशिश बताया है। शर्मा ने कहा कि वे चाहते हैं कि लोग एक भाषा के तौर पर संस्‍कृत का आनंद लें। हर श्‍लोक का मतलब आसान, समझने लायक और स्‍पष्‍ट अंग्रेजी में समझाया गया है। हर छंद को एक शब्‍द के वाक्‍यांश में तोड़ा गया है। ट्रांसलिट्रेशन में हर संस्‍कृत शब्‍द और उसके मतलब का ध्‍यान रखा गया है।

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